श्री राधारमणो विजयते
पहली बात तो ये है कि व्यक्ति अच्छा या बुरा तो होता ही है और उसके बाद भी बड़ी महत्वपूर्ण चीज़ है कि वो किसकी सलाह मानता है? वो किसका suggestion मानता है? suggestion सबसे बड़ी चीज है।
दुर्योधन के पास बड़े अच्छे-अच्छे लोग हैं कृपाचार्य द्रोणाचार्य भीष्म सब हैं पर वो सलाह मानता है शकुनि की।
आप कितने भी successful हो जाओ उसके बाद भी आपको सदा किसी न किसी की सलाह तो चाहिए ही चाहिए। आप कितने भी अनुभवी हो जाओ। कोई बड़े से बड़ा डाॅक्टर हो मेडिकल साइंस में एक मिनट लगाएगा पर उसको भी कोई केश पड़ जाए तो वकील से पूछना ही पड़ेगा। वकील बीमार पड़ जाए तो डाॅक्टर से पूछना ही पड़ेगा।
सबकी अपनी अपनी विधा है। हम सलाह किसकी मानते हैं? आपको suggest करने वाला व्यक्ति कौन सा है? ये सबसे महत्वपूर्ण है। हम अच्छे हों सलाहकार बुरा हो तो गड़बड़ है। दुर्योधन बुरा नहीं है केकैयी जी बुरी नहीं है उनके सलाहकार बुरे हैं। मंथरा बुद्धि देदे तो कौन क्या करे?
सलाहकार आपका सबसे सर्वोत्तम होना चाहिए। पाण्डवों के पास कुछ नहीं है बस सलाहकार कृष्ण हैं। ये उनकी उपलब्धि है।
सलाहकार हमारा कौन है? आपका सभासद कौन है? विवेक वहीं चाहिए फिर तो अच्छा आदमी अगर सलाह में मिल गया फिर तो विवेक लगाने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि वो सदा आपको आपसे अच्छा काम करवाएगा।
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
||Shree Radharamanno Vijayatey||
One may be good or bad, it is quite natural but the important thing to see is whose advice does he follow? Whose suggestion holds water for him? Suggestions are very important!
Duryodhana has very good people on his side like, Kripacharya, Dronacharya, Bheeshma and others but he only listens to Shakuni.
You maybe highly successful in life, still you need a confidant or an able adviser. Inspite of you being at the top of your game! One can be a very experienced medical practioner, for whom anything in medicine is like the back of his palm but if he has a legal case, he has to consult a lawyer. If a big barrister falls sick, he will have to see a doctor.
Each field has its own intricacies. Whom do we listen to? Who is our adviser? This is most important. We may be good but who is our adviser, is very important. Duryodhana or Mata Kaikayei aren’t bad but their advisers are bad or wrong. If Manthara is the adviser then what can one do?
Your adviser has to be very noble and the best! Pandavas had nothing materially speaking but their adviser is Lord Krishna. This is their greatest achievement in life.
Who is our adviser? Who are the courtiers? We need to discriminate in choosing the right person. If you get the right person then you need not worry because he will always guide you on the right path.
||Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||
प्रथमं यत् कश्चन व्यक्तिः सद् वा दुष्टः वा तदनन्तरं सर्वाधिकं महत्त्वपूर्णं यत् सः कस्य उपदेशं अनुसरति? कस्य सुझावः सः स्वीकरोति ? सुझावः एव बृहत्तमः विषयः अस्ति।
दुर्योधनस्य कृपाचार्यद्रोणाचार्यभीष्मसहिताः अतीव उत्तमाः जनाः सन्ति, परन्तु सः शकुनिस्य उपदेशं शृणोति।
भवन्तः कियत् अपि सफलाः भवेयुः तथापि भवन्तः कस्यचित् सल्लाहस्य आवश्यकता सर्वदा भविष्यति। कियत् अपि अनुभविनो भवसि। महान् वैद्यः अपि चिकित्साशास्त्रे एकं निमेषं व्यतीतुं शक्नोति, परन्तु यदि तस्य कस्यापि समस्यायाः सामना भवति तर्हि तस्य वकिलस्य परामर्शः करणीयः भविष्यति । यदि कश्चन वकिलः रोगी भवति तर्हि तस्य वैद्यस्य परामर्शः करणीयः भविष्यति।
सर्वेषां स्वकीया शैली भवति। वयं कस्य उपदेशं अनुसरामः ? यः भवन्तं सूचयति सः कः ? एतत् सर्वाधिकं महत्त्वपूर्णम् अस्ति। यदि वयं सज्जनाः सल्लाहकारः च दुष्टः तर्हि समस्या अस्ति। दुर्योधनः न दुष्टः, केकयी जी न दुष्टः, तस्य सल्लाहकाराः दुष्टाः। कः किं कर्तुं शक्नोति यदि मन्थरः बुद्धिं ददाति।
सल्लाहकारः भवतः परममित्रः भवेत्। पाण्डवानां सल्लाहकारं कृष्णं विना अन्यत् किमपि नास्ति। एषा तस्य सिद्धिः ।
अस्माकं सल्लाहकारः कः ? भवतः पार्षदः कः ? तदा एव विवेकस्य आवश्यकता भवति, यदि भवन्तः सल्लाहं सत्पुरुषं प्राप्नुवन्ति तर्हि विवेकस्य उपयोगस्य आवश्यकता नास्ति यतोहि सः भवन्तं सर्वदा भवतः अपेक्षया उत्तमं कार्यं कर्तुं प्रेरयिष्यति।
परमाराध्या: पूज्या: श्रीमन्ता: माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्या: श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराजा: श्री।।