श्री राधारमणो विजयते
ठाकुर जी उतनी ही आपकी सुनते हैं जितनी आप उनकी सुनते हो। किसी को सन्देह हो तो ये समझ ले भगवान हमारी कितनी सुनते हैं? जितना हम भगवान की सुनते हैं।
ये यथा माम् प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्॥
शास्त्र में स्पष्ट बात कही है। हम अपने जीवन में जितना उनको सीरियस ले रहे हैं, वो हमे भी उतना ही सीरियस ले रहे हैं। हजारों बार देखा इशारों में बोलते हैं ठाकुरजी।
तुम नेक सा समाने जाकर खड़े हो और सीरियसली कहो, सामने से आती बिना मांगी मालाएँ हमने देखी है। और कई कई तो छ: घंटों से पड़ा है एक माला दे दो,एक माला गोसाईं जी। और ऐसा व्यक्ति भी कई बार देखा है उसकी नजर ठाकुरजी पर नहीं होती, उसकी नजर आते हुए गोसाईंजी पर होती है किसको मिला, किसको मिला…
अरे आप ठाकुरजी के सामने खड़े होकर उनकी रूप माधुरी झांक कर श्रीराधावल्लभ लाल की श्रीराधारमण लाल की ऐसी रूप माधुरी कि आप उनपर निहाल हो जाओ।
अगर आप भाव सिद्ध हैं तो ठाकुरजी स्वयं गोसाईं जी के हाथ में माला देकर भेजेंगे, जा उसको पहना आ।
ये पक्की बात है इसमें कोई सन्देह नहीं है।
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
|| Shree Radharamanno Vijayatey ||
Shree Thakurji listens to you only to the extent you listen to Him. If someone is in doubt about how much does the Almighty listen to us must understand this clearly! He listens only to the extent you listen to Him.
‘Ye yatha maam prapaddyantey taamsthataiva bhajammyaham’||
The Shastra is very clear about it. The seriousness we show towards Him, He too will take us seriously to that extent. We have seen this innumerable times that the Lord speaks to us in sign language!
You just go and quietly stand before Him and with all sincereity say, so many times we have seen Malas dropping off or it may even be a flower which just falls down towards you. Many even beg the Goswami in Sewa to give a Mala which is lying there for while as prasad. We have even seen people who are not seeing the Lord but are busy watching the Goswami as to whom will he give the prasad, who is getting what….
Arrey! You are standing in front of Shree Thakurji, see and adore the Divine ‘Roopa-Madhuri’ of Shree Radha Vallabhlal or Shree Radha Raman Lalju which will enrapture you!
If your Bhava is pure and fixed He will send you the Mala through Goswamiji to come and garland you! This is fact without an iota of doubt!
|| Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj ||
ठाकुर जी शृणोति यथा त्वं तं शृणोषि। यदि कस्यचित् संशयः अस्ति तर्हि अवगच्छतु यत् ईश्वरः अस्मान् कियत् शृणोति? वयं यथा यथा अधिकं ईश्वरं शृणोमः।
ये यथा मम प्रपद्यन्ते तानस्तथैव भजम्यहं।
स्फुटं शास्त्रे उक्तम् । वयं तान् अस्माकं जीवने यथा गम्भीरतापूर्वकं गृह्णामः तथा ते अस्मान् समानरूपेण गम्भीरतापूर्वकं गृह्णन्ति। सहस्राणि वारं दृष्टवान् यत् ठाकुरजी इशारेण वदति।
त्वं गत्वा कस्यचित् आर्यस्य पुरतः स्थित्वा गम्भीरतापूर्वकं वदसि, अस्माभिः अपृच्छन् मालाः आगच्छन्ति दृष्टाः। अन्ये च बहवः षड्घण्टाः प्रतीक्षन्ते, कृपया एकां माला, एकां माला गोसाईं जीं ददातु। तथा च मया एतादृशः व्यक्तिः अपि बहुवारं दृष्टः, तस्य दृष्टिः ठाकुरजी इत्यस्य उपरि नास्ति, तस्य दृष्टिः गोसाईंजी इत्यस्य उपरि अस्ति, केन प्राप्तम्, कस्य प्राप्तम्…
हे ठाकुरजी के पुरतः स्थित्वा तस्य रूपस्य सौन्दर्यं श्री राधावल्लभलालस्य सौन्दर्यं श्री राधारमनलालस्य सौन्दर्यं पश्यसि यत् त्वं तस्मिन् मग्नः भवसि।
यदि भवतः भावनाः पूर्णाः भवन्ति तर्हि ठाकुरजी स्वयं गोसाईं जी हस्ते माला प्रेषयिष्यन्ति, गत्वा धारयतु।
एतत् निश्चितं वस्तु, तत्र न संशयः।
॥परमराध्य: पूज्य: श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य: श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज ॥