श्री राधारमणो विजयते
जब तुम संकल्प करोगे तभी भजन कर पाओगे। पर किए गए संकल्प में भी अपने आसपास किसी गुरु का निरीक्षण नहीं रखा तो एक न एक दिन माया का हिरण आकर के तुम्हारी साधना को बर्बाद कर सकता है। इसीलिए गुरु का निरीक्षण जरूरी है।
भरत बैठ तो गए थे। एक दिन ऐसा माया का हिरण आया जिसने सारी साधना की खीर में नींबू निचोड़ डाली। जन्मों का फिर से चक्कर फंस गया। सब लोग चक्कर में ही है। उसी में फंसे हुए हैं।
फिर अनुभूति हुई तो जड़भरत हो गए। जड़भरत मतलब वास्तव में दुनिया जड़ ही है। हम जड़ ही हैं। चेतन कुछ है तो वह एक ही चीज है-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।
यह मैं नहीं कह रहा, यह बात जड़भरत ही कह रहे हैं। जब पूछा है क्या बात भगवान को दे सकती है? तो एक ही बात कहा- अजामिल की कथा में; भगवान का नाम।
हरिनाम संकीर्तन से ही भगवत प्राप्ति हो सकती है। इसलिए माया से बचने का डंडा भी नाम संकीर्तन ही है। करते रहोगे तो बच जाओगे।
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
||Shree Radharamanno Vijayatey||
When you do the Sankalpa or take a firm decision, only then
Bhajan will happen. But, if your Sankalpa is not guarded by the supervision of your Sadguru then suddenly the deer of Maya will come and crash into your Sadhana. That’s why the protection of the Sadguru is a must.
Bharat was seated but one day the Maya in the form of a deer came jumping around and sqeezed lemon drops into the Kheer of his Sadhana. He got embroiled in the quagmire of birth and death. Most of the people are stuck in this dragon wheel. They are moving around in circles.
After a while, when he attained realisation, then he becomes ‘Jadd-Bharat’. It means that in reality, the world is inert. We too are steeped in inertia. If there is any thing which is sentient it is-
‘Harey Krishna Harey Krishna Krishna Krishna Harey Harey|
Harey Rama Harey Rama Rama Rama Harey Harey||’
I am not saying this, ‘Jadd-Bharat ‘ himself is saying it! When the question was asked that what is it that you can offer the Divine? We get the answer in the ‘Ajaamil’ Katha;
‘The Divine Name of the Lord’!
‘Harinaam Sankirtana’ can lead you to God realisation. The protective shield from the blows of the Maya is ‘Naam Sankirtana’! If you keep on doing it, you will be safe!
||Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||