श्री राधारमणो विजयते
गुरुकृपा से संग मिलता है। गुरुकृपा से संत मिलते हैं। बिल्कुल मिलते हैं। यह अनुभव की बात है। एक पक्का तगड़ा जोरदार भजनानंदी वैष्णव मिले। बोले- मैं धर्म सम्राट स्वामी श्रीकरपात्रीजी महाराज का शिष्य हूँ।
यह ऐसे ऐसे नाम हैं समझना सुनकर। ऐसे ऐसे नाम हैं किसी महात्मा को यह नाम बता दो तो सुनकर खुश हो जाए। जय हो जय हो तुम जैसा बड़भागी दूसरा नहीं हो सकता।
और यह बहुत बड़ी है। हल्की बात नहीं कह रहा, बड़े से बड़े विद्वान के पास चले जाना और बड़े महाराजश्री का नाम ले लेना हमने अनुभव किया है वो प्रेम मिलता है। वो दुलार मिलता है। न मिले तो बताना। हमने अनुभव किया है।
गुरुकृपा से संत मिलते हैं।
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
||Shree Radharamanno Vijayatey||
By the benevolence of our Sadguru, we are blessed with divine company or Sanga. By Guru-Kripa, we get to sit at the Lotus Feet of a Saint. This is a fact! It is a matter of realisation. I once met a devout Bhajananandi Vaishnav and he said that I am Dharma Samrat Shri Kar Karpatriji Maharaj’s disciple.
These are such powerful names and one gets impressed instantly. These names pleases the Mahatmas when they hear! Jai Ho! Jai Ho! You are very fortunate indeed!
These are big things! I am not saying it just for the sake of saying, you go to any great scholar and mention Baddey Maharajji’s name, I have experienced it myself that you will be showered with love and affection! If you don’t get then say because I have experienced it personally.
You are blessed with the company of a Saint by the benevolence of your Sadguru!
||Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||