श्री राधारमणो विजयते
कंक्लुजन तब पूर्ण होता है जब उसके साथ में सॉल्यूशन भी मिल जाता है। सॉल्यूशन भी तब पूरा होता है जब साल्वेशन हो जाता है और आप सारे के सारे जितने भी माया के द्वारा बिछाए गए जितने प्रकल्प हैं उन सारे एडिक्शन से निवृत हो जाते हो।
प्रारब्ध के हिसाब से आने वाले जीवन में जितने भी फ्रेक्शंस हैं वह आपको कभी प्रभावित ही नहीं कर सकते। और आप भी अपने आप को माया से उठाकर के भक्तों के सेक्शन को choose कर लेते हो। और जिस दिन आपको वह सेक्शन मिल जाता है, श्रीकृष्ण आपका सिलेक्शन कर देते हैं।
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
||Shree Radharamanno Vijayatey||
The matter concludes only once you get a solution to your problem. Solution is complete only when you attain salvation from all the traps laid by Maya and the endearments of addiction, no longer interest you.
All the fractions that come across as the effect of your destiny will not affect you. At that point, you will choose the section of the Bhaktas instead of Maya. The day you are seated in this section, you will be selected by Shree Krishna, as well!
||Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||
निष्कर्षः समाप्तः यदा समाधानमपि तया सह लभ्यते। समाधानं तदा अपि पूर्णं भवति यदा मोक्षः प्राप्यते तथा च भवन्तः माया निहितानाम् सर्वेषां परियोजनानां सर्वेभ्यः व्यसनेभ्यः मुक्ताः भवन्ति।
दैवस्य अनुसारं आगमिष्यमाणे जीवने ये केऽपि अंशाः सन्ति ते कदापि भवतः प्रभावं कर्तुं न शक्नुवन्ति । त्वमपि च माया मुक्त्वा भक्तखण्डं चिनोषि। यस्मिन् दिने च भवन्तः तत् खण्डं प्राप्नुवन्ति तस्मिन् दिने श्रीकृष्णः भवन्तं चयनं करोति।
॥परमराध्या: पूज्या: श्रीमन्ता: माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्या: श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज ॥