अपने विश्वास करने की सामर्थ्य को प्रबल कीजिए। पूरी दुनिया आपके विश्वास को तोड़ने की कोशिश करती है, केवल आप ही हो जो अपने विश्वास को स्थिर कर सकते हो। हर घटना तोड़ेगी, हर स्वार्थी उसे भ्रष्ट करेगा और अगर आप विश्वास से मुक्त रहोगे तो शंका आपके जीवन को समाप्त कर देगी।
विश्वास करने का अभ्यास लाइए।
मैं अपने अनुभव से बात कह रहा हूंँ, निश्चित दुनिया के किए हुए बड़े-बड़े विश्वास टूट सकते हैं, ठाकुरजी के चरणों का विश्वास कभी नहीं टूट सकता। यह बहुत बड़े स्तर पर किया हुआ विश्वास जीवन में छोटी-मोटी समस्याओं को समाधान देता है।
अगर विश्वास पक्का है तो व्यक्ति हर चीज को स्वीकार लेता है। अगर कुछ हमारे अनुसार हुआ तो ठाकुरजी की कृपा और अगर कुछ हमारे अनुसार नहीं हुआ तो ठाकुरजी की इच्छा। जैसी इच्छा वैसे तुम करो।
व्यक्ति का कॉन्फिडेंस समाप्त नहीं होता। बड़े से बड़ा संबंध संसार में खराब हो जाए तो भी उसके अंदर की ऐसी faith एनर्जी है जो विपरीत से विपरीत परिस्थिति में भी उसको हीट करती है।
अगर वह faith सिस्टम केवल टेंपरेरी चीजों पर है तो हम बहुत जल्दी टूट जाएंगे पर अगर राधारमण के ऊपर है तो पूरी दुनिया विपरीता में खड़ी हो फिर भी
पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे…
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
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|| Shree Radharamanno Vijayatey ||
Kindly strengthen your capability to trust. The entire world will try to break your trust but you and only you can keep your trust firm or unshakeable. Each incident will break it, each selfish individual will try to corrupt it, if you lose it then doubt will creep in and destroy you.
Please practice to strengthen your trust.
I am saying this from my own personal experience; the trust you put in the hands of the world can be broken but the trust reposed in the Lotus Feet of the Lord can never be destroyed. This trust which is the ultimate shall provide the solution to the small or big worldly problems.
If the faith is firm, then one accepts everything. If the result is as per our liking, then it is God’s grace and if it is not then it is the Divine will! Act according to the Lord’s will.
One doesn’t lose the confidence. Even if the closest relation for some reason is hurt or broken, the powerful energy of one’s faith deflects the ghastliest blows!
If the faith is based on transitory things, then the individual will break-down very easily but if the faith is on ‘Shree Radharamann’ then even if the entire world is opposed to you, still;
‘Paga ghungroo baandh Meera naachi rey ….’
|| Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhv Gaudeshwara Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj ||
श्री पुण्डरीक जी सूत्र (१७-०६-२०२३)
विश्वासक्षमतां दृढं कुरुत। भवतः विश्वासं भङ्गयितुं सर्वं जगत् प्रयतते, भवतः एव विश्वासः स्थिरः कर्तुं शक्यते। प्रत्येकं घटना भग्नं भविष्यति, प्रत्येकं स्वार्थी व्यक्तिः तत् दूषितं करिष्यति तथा च यदि भवन्तः विश्वासात् मुक्ताः सन्ति तर्हि संशयः भवतः जीवनस्य समाप्तिम् करिष्यति।
विश्वासस्य अभ्यासं कुरुत।
अहं स्वस्य अनुभवात् वदामि, जगतः निर्मिताः केचन बृहत् विश्वासाः भग्नाः भवितुम् अर्हन्ति, परन्तु ठाकुरजी इत्यस्य पादयोः विश्वासः कदापि भङ्गः न भवितुम् अर्हति। एषः विशालः विश्वासः जीवनस्य लघुसमस्यानां समाधानं ददाति ।
यदि श्रद्धा दृढा भवति तर्हि व्यक्तिः सर्वं स्वीकुर्वति। यदि अस्माकं अनुसारं किमपि भवति तर्हि तत् ठाकुरजी इत्यस्य अनुग्रहः अस्ति तथा च यदि अस्माकं अनुसारं किमपि न भवति तर्हि ठाकुरजी इत्यस्य इच्छा एव। यथा इच्छसि तथा कुरु।
मनुष्यस्य विश्वासः न समाप्तः भवति । जगति बृहत्तमः सम्बन्धः दूषितः भवति चेदपि तस्य अन्तः एतादृशी विश्वासशक्तिः अस्ति यत् अत्यन्तं प्रतिकूलपरिस्थितौ अपि तम् तापयति।
यदि सा श्रद्धा व्यवस्था केवलं क्षणिकवस्तूनाम् अस्ति तर्हि वयं अतीव शीघ्रमेव भग्नाः भविष्यामः, परन्तु यदि सा राधारमणः उपरि अस्ति तर्हि समग्रं जगत् विरोधे स्थितम् अस्ति।
पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे…
-परमराध्य: पूज्य: श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य: श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराज।