श्री राधारमणो विजयते
आपके पास हाॅल सजाने की व्यवस्था है आपके पास कमरे को सजाने की व्यवस्था है पर क्या आपके पास आपके मन को सजाने की व्यवस्था है ? उसकी कितनी सामग्री है जरा कभी आपने टटोला है ?
घर के तो ड्रॉइंग रूम में पर्सीयन कार्पेट्स लग रहे हैं आस्ट्रेलियन सैंड्लेयर्स लग रहे हैं इटैलियन फर्नीचर लग रहे हैं पर अंदर किसी के लिए ईर्ष्या है किसी के साथ प्रतिस्पर्धा है। ये तो ऐसे ही हुआ भीतर से नहाया नहीं था ऊपर से टक्सीडो पहन कर आ गया। ऊपर सजा हुआ था और भीतर कीचड़ ही कीचड़ थी।
साधु किसे कहते हैं भोगी और योगी में यही फरक होता है भोगियों की बाहर की व्यवस्था सजी रहती है पर अन्दर बड़ा मल होता है पर योगी बाहर से सामान्य होता है पर उसका इंटरनल डेकोरेशन ऐसा होता है जो पूरी दुनिया में कोई नहीं पा सकता। उसके मन को टटोल कर देखना तो उसमें पवित्रता ही पवित्रता मिलेगी।
हम घर साफ कर लेते हैं पर मन साफ नही कर पाते।
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
||Shree Radharamanno Vijayatey||
You have the wherewithal to decorate your hall, you can do up your bedroom very well, but do you have the inclination and the necessary inputs to cleanse and beautify your mind? Have you even bothered to check whether you are well equipped to do so?
Your drawing room has Persian carpets, Australian chandeliers, there is Italian furniture but within, you are either filled with envy or the drive to compete! To put it simply, you haven’t had a bath but have come wearing a tuxedo with an overdose of expensive perfume! The outward appearance is decent but inside it is just filth or muck.
Who is a Sadhu? This is the difference between the Yogi and a Bhogi. The Bhogis or the ones who are steeped in sense gratification, their external arrangements seem all in place but inside they are filled with all filth, whereas the Yogi’s appearance is most ordinary or simple but within, he is so organized and well decorated, which is unmatched! If you just try and browse through his mind you will find only purity and holiness.
Our problem is that we can deep clean the house but the mind unfortunately remains dirty as if never cleaned!
||Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||