अगर आपको ब्रजवास करना है,स्थाई ब्रजवास करना है तो उसके लिए अभ्यास करना पड़ेगा, उसके लिए एक नियम करना कब पड़ेगा कि
व्यक्ति के द्वारा एक भी क्षण वृथा ना हो। मतलब समय फालतू का ना निकले। कुछ न करने के लिए जो हम कुछ समय छोड़ते हैं वृथा। व्यर्थ का।
कोई ना कोई सेवा। कहीं ना कहीं अवसर लगने पर व्यक्ति प्रयास करे थोड़ी देर वैष्णव सेवा में, थोड़ी देर ग्रंथ सेवा में, थोड़ी देर भजन सेवा में, थोड़ी देर बृज सेवा में, थोड़ी देर प्रकृति की सेवा में, अन्न सेवा में, शब्द सेवा में कुछ ना कुछ, कुछ ना कुछ बड़ा व्यस्त रहे। व्यस्त रहे, मस्त रहे, स्वस्थ रहे।
वृथा समय के निवृति।।
॥परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
यदि भवन्तः ब्रजवासं कर्तुम् इच्छन्ति, यदि भवन्तः स्थायिरूपेण ब्रज्वासं कर्तुम् इच्छन्ति, तर्हि भवन्तः तदर्थं अभ्यासं कर्तुं प्रवृत्ताः भविष्यन्ति, तदर्थं भवन्तः कदा नियमं कर्तुं प्रवृत्ताः भविष्यन्ति यत्
एकमपि क्षणमपि व्यक्तिना व्यर्थं मा भूत्। कालस्य अपव्ययः न कर्तव्यः इति अर्थः। किमपि न कृत्वा वयं किञ्चित्कालं व्यर्थं त्यजामः। निष्प्रयोजनम् अस्ति।
एकः सेवा वा अन्यः वा। कुत्रचित् यदा यदा अवसरः भवति तदा कश्चित् समयं वैष्णवसेवायां, किञ्चित्कालं ग्रन्थसेवायां, किञ्चित्कालं भजनसेवायां, किञ्चित्कालं बृजसेवायां, किञ्चित्कालं प्रकृतिसेवायां, इ अन्नसेवा, शब्दसेवायाम् । एकस्मिन् वा अन्यस्मिन् वा विषये व्यस्तः भवतु। व्यस्तः भव, शीतलः भव, स्वस्थः भवतु।
अपव्ययितसमयस्य निवृत्तिः।
॥ परमराध्य: पूज्य: श्री सद्गुरु भगवान जू ॥
||Shree Radharamanno Vijayatey||
If you are serious about doing ‘Brajvaas’ and want that it should become permanent then you need to follow certain rules and practice them regularly.
Make sure that you don’t waste even a moment! Meaning, don’t waste time or procrastinate! For doing something, we keep aside some time out of our daily routine or examine the free time that you have!
Involve yourself in Sewa! Whenever you get an opportunity, you should practice Vaishnavi-Sewa even for a little while or do the Sewa of the scriptures, devote sometime doing Bhajan sewa, do Braj Sewa, serve the nature, serve food or do the sewa of words i.e., speaking or writing or singing, etc, keep yourself busy without even wasting a minute. ‘Vyast rahein, mast rahein aur swastha rahein’!
Don’t waste time!
||Param Aardhya Poojya Shreemann Madhv Gaudeshwara Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||