
Whether it is merely a delusion of Prema or it is a reality, this is something which needs to be looked into. It is very easy to say, ‘Thakurji! We love you! Hey Rama! We love you very much! Hey Gurudev! We love you beyond words!’ Please be cautious about just this much;
If you want to enter this realm of Prema then please be ready to have sleepless nights, be prepared for a tide of tears. Please be prepared for all this! Prema leads you on this least trodden path which makes Prema a difficult proposition. So, please be careful!
‘Prema Nagar mattja Musafir, Prema Nagar mattja |
Prema Nagar kee gahari naddiya,
Laakhon loga dubbaye,
Musafir, Prema Nagar mattja….’
||Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||
प्रेम का आभास है या सच में प्रेम की स्थिति है ये विचारशील बात है। कहना बड़ा आसान है ठाकुरजी ! हम आपसे बहुत प्रेम करते हैं, हे रामजी ! हम आपसे बहुत प्रेम करते हैं, हे गुरुदेव ! हम आपसे बहुत प्रेम करते हैं। पर एक बात ध्यान रखिएगा
अगर आप प्रेम के इस पक्ष में जाना चाहते हैं तो तैयार रहिएगा अनिद्रा के लिए, तैयार रहिएगा आँसुओं कि फौज के लिए। तैयार रहिएगा। प्रेम वहाँ तक ले जाता है इसलिए प्रेम बहुत कठिन है। बहुत सावधान रहना।
प्रेम नगर मत जा मुसाफिर प्रेम नगर मत जा
प्रेम नगर की गहरी हैं नदियाँ लाखों लोग डुबाए
मुसाफिर प्रेम नगर मत जा….
।।परमाराध्य पूज्य श्रीसद्गुरु भगवान जु।।
प्रेमभावः अस्ति वा प्रेमस्य यथार्थदशा अस्ति वा इति विचारणीयः। ठाकुरजी इति वक्तुं बहु सुकरम् ! वयं त्वां बहु प्रेम्णामः हे रामजी! वयं त्वां बहु प्रेम्णामः हे गुरुदेव! वयं भवन्तं बहु प्रेम्णामः। किन्तु एकं वस्तु मनसि धारयतु
यदि भवन्तः प्रेमस्य अस्मिन् पार्श्वे गन्तुं इच्छन्ति तर्हि अनिद्रायाः कृते सज्जाः भवन्तु, अश्रुसेनायाः कृते सज्जाः भवन्तु। सज्जाः भवन्तु। प्रेम्णः भवन्तं तत्र नयति, अतः प्रेम्णः अतीव कठिनः भवति। अतीव सावधानाः भवन्तु।
प्रेमनगरं मा गच्छतु। पथिक: प्रेमनगर: मा गच्छ।
प्रेमनगरस्य नद्यः गम्भीराः सन्ति, लक्षशः जनाः मग्नाः सन्ति ।
पथिक:, प्रेमनगर: मा गच्छ…
..परमाराध्या : पूज्या: श्रीमन्ता: माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्या: श्री पुण्डरीक गोस्वामी जी महाराजा:।
