श्री राधारमणो विजयते
ठाकुर प्रतीक्षा से ही मिलता है। ध्रुव ने तपस्या करी। तपस्या का मतलब प्रतीक्षा है। प्रतीक्षा ही साधना है। साधना होती है तब शुद्धि होती है।
साधना का मतलब क्या है? सावधानी। साधना का मतलब और ज्यादा कुछ नहीं होता। क्या करें? कैसे करें? साधना का इतना सीधा सा शब्दार्थ होता है। साधना का मतलब सावधानी। To be Alert.
मतलब इस बात की सावधानी रखना जैसे- मैया किसी भी कम में रहते हुए सावधान रहती है कहीं उसके बेटे से कुछ गलत ना हो जाए, उसको चोट नहीं लग जाए। ऐसे ही
मन को बालकवत बनाकर के श्रीकृष्ण के अलावा वह इधर-उधर दूर नहीं भाग जाए, इस बात की दृष्टि रखकर के जो आप सावधानी रखते हो वही साधना है।
अब यह कैसे करना है किस प्रकार करना है यह आप जानो।
सावधानी से ही प्रेम होता है। प्रेम सावधानी का ही विषय है। वह गफलत और जोश का विषय नहीं है। सबसे सावधानी का,सबसे ज्यादा होश का विषय है। जो जोश वाले करते हैं उनका दो-चार दिन का ही होता है। प्रेम सावधानी का विषय है।
।।परमाराध्य पूज्य श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी जी महाराज ।।
||Shree Radharamanno Vijayatey||
Shree Thakur can only be attained by patience. Dhruva did Tapasya. Tapasya in a way is patience. Patience itself is Sadhana. When Sadhana is done, purity or holiness comes.
What do you mean by Sadhana? Carefulness! I think, this is what is Sadhana! What to do? How to do? This is the simple meaning of Sadhana. Sadhana means carefulness! To be Alert!
It is just like the mother might be busy doing various chores in the house but is always attentive to the fact that her son shouldn’t do anything wrong or hurt himself. Similarly;
Treat your mind like a little child and see to it that it doesn’t wander here or there except the Divine Lotus Feet of Shree Krishna, to be attentive to this fact is what is Sadhana.
Now how to do it is entirely upto you!
Attentiveness or being careful is the stepping stone to Prema. Prema is a matter of being careful! It is not a subject matter of confusion or excitement. It is a matter of carefulness and something which requires the total attention of senses. Those who act impulsively, are short lived. Prema requires attention!
||Param Aaradhya Poojya Shreemann Madhva Gaudeshwar Vaishnavacharya Shree Pundrik Goswamiji Maharaj||